जिस्म तो टूटा, मन नहीं

रविवार, 4 अप्रैल 2010

एक हादसे में विकलांग होने के बाद एक बुज़ुर्ग ने राजस्थान में रेडियो प्रसारण के ज़रिए गांव वालों को दिखाई नई राह. http://digg.com/u1SXbM

1 टिप्पणी:

Shekhar Kumawat ने कहा…

BAHUT DUKH HUA HAN KAR
MAGAR HOSLA BANAYE RAJHE
http://kavyawani.blogspot.com/

SHEKHAR KUMAWAT

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