भिखारी या साहूकार?

सोमवार, 5 अप्रैल 2010

वही दुकानदार जो कभी भिखारियों को झिड़क दिया करते थे आज वही उनका बेसब्री के साथ इंतज़ार करते हैं, क्योंकि पैसा बोलता है. http://digg.com/u1Sbvf

0 टिप्पणी:

एक टिप्पणी भेजें