मौतों के लिए भगवान जिम्‍मेदार

शुक्रवार, 5 मार्च 2010

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में कृपालु जी महाराज के आश्रम में मची भगदड़ में 63 लोगों की मौत हो गई। इतनी बड़ी घटना पर जहां पर पूरे देश में आश्रम प्रशासन को दोषी ठहराया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ आश्रम ने कहा है कि यह तो ईश्वर की लीला थी। इस घटना में हमने कुछ भी नहीं किया यह सब भगवान को मंजूर था।
मंदिर प्रशासन ने घटिया बयानबाजी करते हुए कहा है कि 63 लोगों की मौत का जिम्मेदार ईश्वर है, मंदिर प्रशासन ने तो मौत की संख्या को काफी कम करने में हरसंभव कोशिश की। इस घटना में ज्यादार बच्चे और महिलाएं शामिल थी। जिस पर मंदिर प्रशासन ने कहा कि भगवान का लाख-लाख शुक्र है कि सिर्फ बच्चे और महिलाओं की ही मौत हुई। भगवान ने बड़े और बुजुर्ग लोगों को सही सलामत बचा लिए।
हादसे पर सफाई देते हुए मंदिर प्रशासन ने कहा कि यहां पर बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए थे। जिस तरह से भगदड़ मची थी उसमें कई लोगों की मौत हो सकती थी लेकिन मंदिर प्रशासन की चौकसी ने बड़ी घटना होने से बचा लिया।

आश्रम ने किसी को नहीं बुलायाः  कृपालु महाराज के आश्रम ने इतनी बड़ी घटना पर सफाई देते हुए कहा है कि कृपालु महाराज की पत्नी की बरसी थी। लेकिन इस उपलक्ष में हमने किसी को भी नहीं बुलाया था। लोग अपने आप यहां पर एकत्रित हुए थे। जो भी घटना हुई वह समय का फेर था। हमने कुछ नहीं किया।

...लेकिन हम देंगे मुआवजाः  घटना पर अफसोस जताते हुए कृपालु महाराज ने कहा है कि जो कुछ हुआ अच्छा नहीं हुआ लेकिन हम पीड़ितों को हरसंभव मदद देंगे। महाराज ने मरने वाले लोगों के परिवार वालों को एक-एक लाख रुपया और घायलों के इलाज में आने वाले पूरे खर्च को वहन करने की बात कही है।

कृपालु जी के आश्रम के खिलाफ केस दर्जः उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में कृपालुजी महाराज के आश्रम का गेट गिरने और फिर मची भगदड़ में 63 लोगों की मृत्यु की घटना में पुलिस ने मंदिर प्रबंधन के ख़िलाफ़ आपराधिक लापरवाही का मामला दर्ज किया है। गुरुवार दोपहर हुई इस घटना में सौ से अधिक लोग घायल भी हुए थे। मरने वालों में 37 बच्चे और 26 महिलाएं हैं। एक पुलिस अधिकारी कुंडा इक़बाल सिंह ने बताया कि मंदिर के प्रबंधन और कार्यक्रम के आयोजकों के खिलाफ लापरवाही के कारण लोगों की मौत की जिम्मेदारी का मामला दर्ज किया गया है लेकिन किसी को फिलहाल गिरफ्तार नहीं किया गया और न ही किसी व्यक्ति विशेष का नाम लिया गया है। बताया गया है कि उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती के आदेश पर ये मामला दर्ज किया गया है। इलाहाबाद डिविजन के आयुक्त भी इस मामले की प्रशासनिक जांच कर रहे हैं।

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